गन्ने की खेती कर किसान हुआ मालामाल, एक एकड़ में 4 से 5 लाख की कमाई
एक बार बीज बोयें, तीन साल तक आनंद उठायें
दूसरे साल इसकी लागत आधी हो जाती है, क्योंकि इसमें बीज नहीं लगाना पड़ता. एक बार में लगाया गया गन्ने का बीज 3 साल तक चलता है। इसकी पैदावार हर साल बढ़ती है. फिलहाल गन्ना 14 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. एक गन्ने का वजन 3 किलो तक होता है. इसे गन्ने का रस बेचने वाले खरीदते हैं या प्रॉपर्टी बनाने वाले लोग भी इसे खरीदते हैं। इसे बाजार में ले जाने पर बेहतर दाम मिलते हैं.
गन्ने के पोषक तत्व एवं फायदे
गन्ने का वानस्पतिक नाम सैकरम ऑफिसिनारम है। इसे नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है। गन्ने का उपयोग चीनी, गुड़ आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा गन्ने का उपयोग गर्मियों में रस के रूप में प्यास बुझाने के लिए भी किया जाता है। गन्ने में औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह शरीर की रक्षा भी करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि गन्ने के गुण आपको दांतों की समस्याओं से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारी तक से बचा सकते हैं।
इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस आदि कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। गन्ने के रस के ये पोषक तत्व शरीर में रक्त प्रवाह को भी स्वस्थ रखते हैं। साथ ही इस जूस में कैंसर और डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों से लड़ने की भी ताकत होती है। गन्ना खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
कटाई, उपज और मुनाफा
गन्ने की फसल तैयार होने में 10 से 12 महीने का समय लगता है. गन्ने की फसल की कटाई फरवरी-मार्च में की जाती है। कटाई करते समय गन्ने को जमीन की सतह से सटाकर काटना चाहिए। एक एकड़ खेत से लगभग 360 से 400 क्विंटल की उपज प्राप्त होती है और अच्छी देखभाल से 600 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है। गन्ने का थोक बाजार मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल है. ताकि किसान भाई इस फसल से डेढ़ से दो लाख रुपये तक की कमाई कर अच्छा मुनाफा कमा सकें.
गन्ने के बीज बोने की विधि
भारत में गन्ना मुख्यतः चपटी एवं नाली विधि से बोया जाता है। समतल विधि में बुआई 90 सेमी की गहराई पर की जाती है। की दूरी पर 7 से 10 सेमी. गहरे देशी हल से नाली बनाएं और नाली में सिरे से सिरे तक 2 से 3 आंखों वाले गन्ने के छोटे-छोटे टुकड़े बोएं। इस प्रकार टुकड़ों को बिछाने के बाद खेत को समतल करके समतल कर लिया जाता है.
आज भी किसान भाई इसी पारंपरिक विधि से गन्ना बीज बोना पसंद करते हैं. नाली विधि में 90 सेमी की दूरी पर 45 सेमी चौड़ी, 15-20 सेमी गहरी नाली बनाकर बीज को नाली में सिरे से सिरे तक मिलाकर बोया जाता है। गन्ने की आंखें अगल-बगल होनी चाहिए. नाले की दोनों आंखें इस प्रकार रखनी चाहिए। इसे किनारे पर ही रहना चाहिए.
गन्ने की खेती के लिए खेत की तैयारी
गन्ने की खेती के लिए सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार करने की जरूरत होती है. इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी वाली भूमि सर्वोत्तम मानी जाती है. क्षारीय/अम्लीय भूमि तथा पानी जमा होने वाली भूमि पर इसकी खेती करना उचित नहीं है। इसकी खेती के लिए खेत तैयार करने से पहले सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करें.
खेत की पहली जुताई के बाद खेत में प्रति हेक्टेयर 15 से 20 टन पुरानी गोबर की खाद डालें. इसके बाद खेत की दो से तीन तिरछी जुताई करें और गोबर की खाद को अच्छी तरह से मिट्टी में मिला दें. इसके बाद भूमि की जुताई कर उसे नम कर दिया जाता है।